इस्लाम की राजनीति
वली नसर : प्रस्तुत लेख निम्न पांच पुस्तकों की समीक्षा पर आधारित है : (1) मिया ब्लूम – ‘डाइंग टू किल : द एल्यूर सुसाइड टेरर’ (कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, 2005); (2) जोसिलिन…
सीएसएसपी की शोध पत्रिका (ISSN: 0976-1039)
वली नसर : प्रस्तुत लेख निम्न पांच पुस्तकों की समीक्षा पर आधारित है : (1) मिया ब्लूम – ‘डाइंग टू किल : द एल्यूर सुसाइड टेरर’ (कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, 2005); (2) जोसिलिन…
सशीज हेगड़े : प्रस्तुत लेख में आधुनिक भारत में बौद्धिक एवं वैचारिक इतिहास में ‘आधुनिकता’ को निर्धारित करने क प्रयास किया गया है. ऐसा करने में मैंने 19वीं तथा 20वीं सदी…
थामस आर. बेट्स : एन्टोनियो ग्राम्शी 20वीं सदी के पूर्वाद्ध का एक महत्वपूर्ण मार्क्सवादी विचारक था. ग्राम्शी के देश इटली में उस समय मुसोलिनी के नेतृत्व में फासीवादी राज्य अपने उत्कर्ष…
लिरॉय ए. कपूर : हाल के वर्षों में सहभागी सरकारों की संभाव्यता एवं महत्व पर लगातार बहसें हो रहीं हैं. हन्ना एरेन्ट के राजनीतिक दर्शन में सहभागिता एक महत्वपूर्ण सामाजिक विषय…
कैरेन विन्ट्जेज़ : सिमॉन द् बुवॉ की कृति ‘दि सेकेण्ड सेक्स’ समकालीन नारीवाद के लिए एक ऐसा दार्शनिक आधार प्रदान करती है कि इसे समकालीन नारीवाद में एक आदर्श प्रतिदर्श(पैराडाइम) का…
माइकल क्लार्क एवं रिक टिल्मैन : लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों एवं व्यवहार का उद्भव एक लम्बी एवं श्रमसाध्य प्रक्रिया रही है. इसके बावजूद, पश्चिमी जगत में लोकतन्त्र का कोई सुनिश्चित सिद्धान्त नहीं है;…
राबर्ट एमडूर : 1950 व 1960 के दशक में यह शंका व्यक्त की जाने लगी कि ‘राजनीतिक सिद्धान्त’ विषय ही खत्म हो गया. इसैया बर्लिन ने 1961 में लिखा कि अमेरिका…
नाथन विडर : जब समाज विज्ञान व मानविकी में फूको के विचारों का महत्व घट रहा है, वहीं यह पुनर्विचार आवश्यक है कि क्या उसकी ‘शक्ति की अवधारणा’ को ठीक से…
डेविड डब्लू. मार्गन : बर्नस्टीन ‘संशोधनवाद के जनक’ के रूप में विख्यात है. उसे सन् 1890 के दशक के अन्त तक अपनी रचनाओं के लिये मार्क्सवादी श्रमिक आन्दोलन में ‘संशोधनवादी विवाद’…
(माइकल वाल्ज़र के विचारों को अभिव्यक्त करने वाला यह लेख स्वयं वाल्ज़र द्वारा लिखित है. यह लेख पूरी समुदायवादी परम्परा को व्यक्त करता है. वाल्जर द्वारा स्वयं इस लेख को…